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और खूबसूरत हो जाएगा बिलासपुर….अरपा नदी में निर्माणाधीन पचरीघाट बैराज के सभी गेट बंद, भरा गया पानी…..शैलेश बोले – बिलासपुरियंस का सपना हुआ साकार, लोग दिखाते रहे टेम्स का सपना

शहर के बीचों बीच बहने वाली अरपा नदी बिलासपुर को बेहद खास बनाती है. अब जल्द ही यह नदी 12 महीने पानी से भरी रहेगी. बिलासपुर में अरपा नदी पर शहर के दोनों छोर पर बैराज बनाया जा रहा है, जिससे शहर की सुंदरता को चार चांद लग जाएंगे। अरपा नदी में बनाया जा रहा बराज का गेट बनकर लगभग तैयार हो गया है, जिसे बंद करके पानी रोकने का ट्रायल भी किया गया, फिलहाल यहां दुर्गा की पूजा के लिए पानी भरा जा रहा है। बुधवार सुबह 8 बजे तक बराज में लगभग 5 फिट पानी था । निरीक्षण करने पहुंचे शहर विधायक शैलेश पांडेय ने कहा कि सालों से शहर के लोगों का सपना आज सच हो रहा है। भाजपा नेताओं ने शहरवासियों को टेम्स नदी का सपना दिखाते रहे। पवित्र मूर्ति को पहली बार पानी से भरी हुई अरपा नदी के बीच विसर्जन किया जाएगा।

शहरवासियों का अरपा नदी को बारह महीने जलमग्न देखने का सपना अप जल्द पूरा होता दिखाई दे रहा है, नगर विधायक शैलेश पांडे के प्रयासों से अरपा नदी में बन रहा पचरी घाट बराज लगभग पूरा हो गया है। पचरीघाट बराज में सभी गेट खुले हैं इसलिए प्रशासन ने यहां दुर्गा विसर्जन के लिए पानी रोकने का फैसला किया। बुधवार को सिंचाई विभाग ने बराज के सभी गेटों को बंद कर दिया। तब बराज में पानी भरना शुरू हुआ और सुबह होने तक लगभग पांच फिट पानी भर गया था। गुरुवार को शहरभर की समितियां दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन बराज में ही करेंगे।

इस दौरान निरीक्षण करने निकले शहर विधायक शैलेश पांडेय ने कहा कि शहर के लोग सालों से सपना देख रहे थे की अरपा नदी में साल भर पानी भरा रहे। अब वह सपना पूरा होने जा रहा है। नदी में बराज बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सौ करोड़ रुपए दिए थे। सिंचाई मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दी और नतीजा ये है की आज पचरीघाट में बराज बनकर तैयार है। मां दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जन करने के लिए पानी भी भर दिया गया है। एक समय था नदी में पानी नहीं होता था, प्रतिमा विसर्जन का संकट था। भाजपा की सरकार और उनके मंत्री अमर अग्रवाल शहर के लोगों को कभी टेम्स का सपना दिखाते थे तो कभी साबरमती का सपना दिखाते थे। लेकिन काम कुछ नही हुआ। हमने पांच साल में ही अरपा नदी को बारहमासी बहने वाली नदी में बदल दिया। काम पूरा होने के बाद सालभर पानी रहेगा।

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